Saturday 21 November 2009

ऐसे 42 या उससे भी अधिक राष्‍ट्रीय प्रतीक हो सकते हैं ... जिनपर हम गर्व कर सकते है !!

हम सभी जानते हैं कि भारत की राष्‍ट्रीय पहचान के 12  प्रतीक भारतीय पहचान और विरासत का मूलभूत हिस्‍सा हैं। विश्‍व भर में बसे विविध पृष्‍ठभूमियों के भारतीय इन राष्‍ट्रीय प्रतीकों पर गर्व करते हैं क्‍योंकि वे प्रत्‍येक भारतीय के हृदय में गौरव और देश भक्ति की भावना का संचार करते हैं, जो निम्‍न हैं ......

राष्‍ट्रीय ध्‍वज ... तिरंगा
राष्‍ट्रीय पक्षी ... मोर
राष्‍ट्रीय पुष्‍प ... कमल
राष्‍ट्र–गान ... जन गन मन
राष्‍ट्रीय नदी ...  गंगा
राष्‍ट्रीय फल ... आम
राजकीय प्रतीक ... अशोक चक्र
राष्‍ट्रीय पंचांग ....  शक संवत
राष्‍ट्रीय पशु ... बाघ
राष्‍ट्रीय गीत ... वंदे मातरम
राष्‍ट्रीय खेल ... हॉकी
राष्‍ट्रीय पेड़ ... अंजीर
 
कल पंकज सुबीर जी ने अपनी पोस्‍टमें लिखा है कि सीहोर के शिक्षा विभाग के द्वारा 55 वीं राष्‍ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2009 के समापन पर प्रकाशित स्‍मारिका में , जिसकी अध्‍यक्ष सीहोर की अपर कलेक्‍टर हैं तथा जिसके कोर ग्रुप में जिला शिक्षा अधिकारी, तीन प्राचार्य, डीपीसी, तथा दो संयुक्‍त संचालक शिक्षा के अलावे संपादक के एक प्राचार्य तथा मार्गदर्शक संयुक्‍त कलेक्‍टर  के होने के बावजूद इसके 13 वें पृष्‍ठ पर 23 राष्‍ट्रीय प्रतीकों के नाम दिए गए हैं ......
 
राष्‍ट्रीय खेल – हाकी
राष्‍ट्रीय भाषा- हिन्‍दी
राष्‍ट्रीय वाक्‍य- सत्‍यमेव जयते
राष्‍ट्रीय ग्रंथ- गीता ( ये भी आज ही पता चला )
राष्‍ट्रीय मंत्र- ओम ( ये कब बना )
राष्‍ट्र पिता - महात्‍मा गांधी
राष्‍ट्रीय धर्म - धर्म निरपेक्ष ( अच्‍छा तो फिर गीता को राष्‍ट्रीय ग्रंथ क्‍यों बनाया )
राष्‍ट्रीय मुद्रा – रुपया
राष्‍ट्रीय पुरुस्‍कार - भारत रत्‍न ( ऐसा क्‍या )
राष्‍ट्रीय फल –आम
राष्‍ट्रीय वृक्ष- बरगद
राष्‍ट्रीय मिठाई- जलेबी( वाह क्‍या ढूंढ के निकाला है )
राष्‍ट्रीय पर्व - 15 अगस्‍त, 26 जनवरी, 2 अक्‍टूबर
राष्‍ट्रीय नदी- गंगा
राष्‍ट्रीय लिपि- देवनागरी ( ये भी आज ही पता चला )
राष्‍ट्रीय चक्र ध्‍वज – तिरंगा
राष्‍ट्रीय गान – जन गण ‍मन
राष्‍ट्रीय गीत - वंदे मातरम
राष्‍ट्रीय पशु- बाघ
राष्‍ट्रीय पक्षी – मोर
राष्‍ट्रीय पुष्‍प- कमल का फूल
राष्‍ट्रीय केलेण्‍डर -शक संवत
राष्‍ट्रीय जलचर - गंगा की डालफिन

इनमें असली राजकीय प्रतीक अशोक चक्र और राष्‍ट्रीय पेड अंजीर ही गायब हैं , इन्‍हें जोड दिया जाए तो कुल प्रतीक 25 हो जाते हैं । इसके अलावे मेरे पास एक पत्रिका है , जिसमें 32 प्रतीकों की चर्चा है  ........

राष्‍ट्रीय गीत ... जन गण मन अधिनायक जय हे !
राष्‍ट्रीय ध्‍वज ... विजयी विश्‍व तिरंगा प्‍यारा ,
राष्‍ट्रीय ध्‍येय ... हर व्‍यक्ति का स्‍वराज ,
राष्‍ट्रीय निष्‍ठा ... 'सत्‍यमेव जयते' ,
राष्‍ट्रीय साधना ... अहिंसा परमो धर्म ,
राष्‍ट्रीय धर्म ... सर्व धर्म समभाव ,
राष्‍ट्रीय वनचर ... प्रियदर्शी वनराज सिंह ,
राष्‍ट्रीय पक्षी ... सुमनोहर प्‍यारा मयूर ,
राष्‍ट्रीय फल ... सुमधुर सुरभित आम ,
राष्‍ट्रीय चिन्‍ह ... नवयुग प्रवर्तक अशोक चक्र ,
राष्‍ट्रीय पुष्‍प ... कमल ,
राष्‍ट्रीय नदी ... गंगा ,
राष्‍ट्रीय पंचांग .... शक संवत ,
राष्‍ट्रीय गीत ... वंदे मातरम ,
राष्‍ट्रीय खेल ... हॉकी ,
राष्‍ट्रीय पेड़ ... अंजीर ,
राष्‍ट्रीयता .. वसुधैव कुटुम्‍बकम्,
हमारे राष्‍ट्र देवता ... योगेश्‍वर विवश्‍वान सूर्यदेव ,
हमारा राष्‍ट्रीय संकल्‍प ... जनसेवार्थ 'जीवेत शरद: शतम्' ,
हमारी राष्‍ट्रीय अभिलाषा ... सर्वे भवन्‍तु सुखिन: सर्वे सन्‍तु निरामया: ,
हमारा राष्‍ट्रीय मंत्र ... मानव संरक्षण मानव मात्र का स्‍वयं सिद्ध अधिकार हो।
हमारी राष्‍ट्रीय भूमिका ... सर्वभौम प्रभुत्‍व संपन्‍न लोकतंत्रात्‍मक गणराज्‍य ,
हमारी राष्‍ट्रीय नीति ... जीवन के शाश्‍वत मूल्‍यों पर अधारित पंचशील ,
हमारी राष्‍ट्रीय भावना ... मन मन मंदिर , घर घर गुरूकुल , गांव गांव गोकुल ,
हमारा राष्‍ट्रीय भजन ... वैष्‍णव जन तो तेने कहिए , पीर परायी जाणे रे ,
हमारी राष्‍ट्रीय सेवा ... स्‍वदेशी , स्‍वावलंबी , स्‍वयंसेवी ,
हमारी राष्‍ट्रीय भाषा ... हिन्‍दी
हमारी राष्‍ट्रीय लिपि ... देवनागरी ,
हमारा राष्‍ट्रीय गणवेश ... खादी ,
हमारा राष्‍ट्रीय जीवनाधार ... कृषि , गोसंवर्धन , उन्‍नत उद्योग और बुनियादी शिक्षा ,
हमारी राष्‍ट्रमाता ... स्‍वर्गादपि गरीयसी जन्‍मभूमि भारत माता ,
हमारे राष्‍ट्रीय पिता ... सत्‍य अहिंसा के पुजारी महात्‍मा गांधी ,
हमारे राष्‍ट्र का उज्‍जवल भविष्‍य ... हमारे होनहार प्‍यारे बालक ,
हमारे राष्‍ट्र निर्माता ... नवयुवक
हमारा राष्‍ट्रीय नारा ... जय जवान ! जय किसान ! जय विज्ञान ! जय हिन्‍द ! जय जगत !
राष्‍ट्रीय जयनाद ... स्‍वतंत्र भारत की जय ! प्रजाजनों की जय !
हमारी राष्‍ट्रीय धारणा ... जनतंत्रम् विजयते ,
हमारी राष्‍ट्रीय वंदना ... वंदे मातरम् ! वंदे मातरम् ! वंदे मातरम् !

इस पत्रिका  के संपादकों पर दोषारोपण इसलिए नहीं किया जा सकता , क्‍यूंकि उन्‍होने इन्‍हें प्रतीक न कहकर 'अपने राष्‍ट्र को जानिए' शीर्षक के अंतर्गत इसे रखा है। अब इसमें यदि राष्‍ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2009 के समापन पर प्रकाशित की गई अपनी स्‍मारिका में प्रकाशित इन अतिरिक्‍त प्रतीकों को भी जोड दिया जाए ......

राष्‍ट्रीय वृक्ष .. बरगद ,
राष्‍ट्रीय ग्रंथ- गीता ,
राष्‍ट्रीय मंत्र- ओउम् ,
राष्‍ट्रीय धर्म - धर्म निरपेक्ष ,
राष्‍ट्रीय मुद्रा – रुपया ,
राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार - भारत रत्‍न ,
राष्‍ट्रीय वृक्ष- बरगद ,
राष्‍ट्रीय मिठाई- जलेबी ,
राष्‍ट्रीय पर्व - 15 अगस्‍त, 26 जनवरी, 2 अक्‍टूबर ,
राष्‍ट्रीय जलचर - गंगा की डालफिन ,

तो कुल मिलाकर 42 ऐसे राष्‍ट्रीय प्रतीक हो जाएंगे , जिनपर हम गर्व कर सकते है , गर्व करने में हर्ज ही क्‍या है ??