Tuesday 1 June 2010

दिल को खुश करनेवाली रही यह दिल्‍ली-यात्रा

यूं तो पिछले तीन वर्षों से मई या जून महीने में मुझे दिल्‍ली में ही रहने की जरूरत पडती रही है , पर इस वर्ष की दिल्‍ली यात्रा बहुत खास रही । पूरे मई महीने दिल्‍ली में व्‍यतीत करने के बाद कल ही बोकारो लौटना हुआ है , इस दिल्‍ली यात्रा में बहुत रंग आते जाते दिखे , खट्टे मीठे अनुभवों से युक्‍त पूरे महीने की खास बातों की चर्चा आनेवाले पोस्‍ट में अवश्‍य करूंगी , आज संक्षेप में मीठे अनुभवों की चर्चा .....

 मम्‍मी , दोनो भाभियों और तीनों भतीजे भतीजियों का साथ ...


दिल्‍ली की ब्‍लॉगर मीट .....

                             

भतीजे का मुंडन ......


और खासकर छोटे बेटे के द्वारा आई आई टी और बिट्स पिलानी दोनो ही संस्‍थानों में इंजीनियरिंग की एक सीट प्राप्‍त कर पाने की सफलता .....
 


मेरे लिए इस बार की दिल्‍ली यात्रा दिल को खुश कर देने वाली सिद्ध हुई।