tag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post1025195437860973804..comments2023-10-28T20:35:04.817+05:30Comments on गत्यात्मक चिंतन: व्यवसायी के इलाज के लिए रखे गए 65 लाख रूपए बचे ही थे .. उसका उपयोग क्यूं नहीं हुआ ??संगीता पुरी http://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-63434009859360207422010-04-30T12:59:29.635+05:302010-04-30T12:59:29.635+05:30गणितीय तर्क से तो उसे करीबन 6 साल और जिन्दा रहना च...गणितीय तर्क से तो उसे करीबन 6 साल और जिन्दा रहना चाहिये था:-)<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-18902849500042283342010-04-30T10:56:26.057+05:302010-04-30T10:56:26.057+05:30मतलब इलाज का (पैसा का नहीं) जिंदगी पर कोई फर्क नही...मतलब इलाज का (पैसा का नहीं) जिंदगी पर कोई फर्क नहीं पडता... <br /><br />उसने पैसे से इलाज करवाया.. जिंदगी नहीं खरीदी..और इलाज की जीतनी सीमा थी उतना जीया उसके बाद मर्जी रामजी की..<br /><br />कई जटिल बीमारियों के ईलाज में पैसा लगता है.. जिसके पास होता है.. ठीक हो जाता है.. उम्र बढ़ा लेता है.. नहीं तो मर्जी रामजी की..<br /><br />जैसे टीबी (सरल उदाहरण के लिए) के इलाज के लिए ५००० रूपए चाहिए.. जिसके पास है वो ठीक हो जाएगा (अमर नहीं) और जिसके पास नहीं वो धीरे धीरे कालग्रस्त हो जाएगा..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-1549970989041209302010-04-30T10:35:32.084+05:302010-04-30T10:35:32.084+05:30मौत का दिन तो निश्चित होता है...हाँ ये ज़रूर है कि...मौत का दिन तो निश्चित होता है...हाँ ये ज़रूर है कि उसने पैसों के दम पर इलाज कराने कि कोशिश की ....पैसों से साँसे नहीं खरीदी जा सकतीं...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-28467662759390574762010-04-30T10:29:04.430+05:302010-04-30T10:29:04.430+05:30जब कैंसर का मरीज 35 लाख में तीन साल तक जिन्दा रह स...जब कैंसर का मरीज 35 लाख में तीन साल तक जिन्दा रह सकता है तो भला चंगा बूढा आदमी तो पांच लाख में एक साल काट ही देगा। यानी पचास लाख में दस साल और पांच करोड में सौ साल।<br />अभी से पैसे जोडना शुरू करता हूं, फिर देखता हूं कि कैसे दो सौ साल से पहले यमराज बुलाता है।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-4931366819133016772010-04-30T10:08:46.455+05:302010-04-30T10:08:46.455+05:30पैसों के बल पर नहीं, उन पैसों से ख़रीदे जा सकने वा...पैसों के बल पर नहीं, उन पैसों से ख़रीदे जा सकने वाले महंगे से महंगे इलाज के दम पर. पर अच्छे से अच्छे इलाज की भी एक सीमा है. वह कोई गरीब ग्रामीण होता तो एक साल भी नहीं जी पाता.ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-90569275848970177362010-04-30T10:08:46.454+05:302010-04-30T10:08:46.454+05:30पैसों के बल पर नहीं, उन पैसों से ख़रीदे जा सकने वा...पैसों के बल पर नहीं, उन पैसों से ख़रीदे जा सकने वाले महंगे से महंगे इलाज के दम पर. पर अच्छे से अच्छे इलाज की भी एक सीमा है. कोई गरीब ग्रामीण होता तो एक साल भी नहीं जी पाता.ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-68632964455531428832010-04-30T08:07:09.036+05:302010-04-30T08:07:09.036+05:30जितनी चाबी भरी राम ने
उतना चले खिलौना।
धन से सां...जितनी चाबी भरी राम ने <br />उतना चले खिलौना।<br /><br />धन से सांसे ही नहीं खरीदी जा सकती।<br />लेकिन भुखे को खाना खिलाया जा सकता है।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-83902029543061657582010-04-30T07:30:54.679+05:302010-04-30T07:30:54.679+05:30मौत और जिन्दगी का धन से क्या सरोकार?मौत और जिन्दगी का धन से क्या सरोकार?डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-46347099274653499312010-04-29T23:22:44.072+05:302010-04-29T23:22:44.072+05:30काश!! पैसे से जिन्दगी खरीदी जा सकती!काश!! पैसे से जिन्दगी खरीदी जा सकती!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-77510709509465507452010-04-29T22:54:09.344+05:302010-04-29T22:54:09.344+05:30bahut hi achchha vichar rakha hai apane ki paise k...bahut hi achchha vichar rakha hai apane ki paise ki utani kimat nahin jitani ham samjhte hain. sabse bada iswar hai.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-75851082679308189102010-04-29T22:34:13.173+05:302010-04-29T22:34:13.173+05:30विचारणीय प्रश्न है...विचारणीय प्रश्न है...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-33976010213677252252010-04-29T22:34:13.172+05:302010-04-29T22:34:13.172+05:30संगीता जी , जीना तो उसकी किस्मत में सिर्फ तीन वर्ष...संगीता जी , जीना तो उसकी किस्मत में सिर्फ तीन वर्ष ही था मगर पैसे के बल पर वह कैंसर जैसी बीमारी में भी आराम से जी गया , वरना तो बड़ी दर्दनाक मौत देता है कैंसर !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-84834303780755085102010-04-29T22:09:18.243+05:302010-04-29T22:09:18.243+05:30सवाल जायज है
65 लाख खतम होने तक तो जिन्दा रहना ही ...सवाल जायज है<br />65 लाख खतम होने तक तो जिन्दा रहना ही चाहिये था.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-58211276765823167002010-04-29T21:22:25.457+05:302010-04-29T21:22:25.457+05:30अच्छी सार्थकता से भरी और जानकारी आधारित रचना के लि...अच्छी सार्थकता से भरी और जानकारी आधारित रचना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.com