tag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post279728266025504729..comments2023-10-28T20:35:04.817+05:30Comments on गत्यात्मक चिंतन: आज के पूंजीपतियों को अपना दृष्टिकोण थोडी उदारता का बनाना होगा चाहिए !!संगीता पुरी http://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-36161774145099051632010-01-23T19:59:04.626+05:302010-01-23T19:59:04.626+05:30आप दे सहमत!!महात्मा गांधी ने ट्रस्टी शिप का सिन्धा...आप दे सहमत!!महात्मा गांधी ने ट्रस्टी शिप का सिन्धांत इसी लिए माना था.और हमारे कर्णधारों ने मिश्रित अर्थव्यवस्था जभी अपनाया.लेकिन पालन कहाँ हुआ,और कितना होता है हम-सब जानते हैं.गरीब और गरीब और अरबपतियों की संख्या लगातार बढती जा रही है.<br /><br />कहने में कोई संकोच या भय नहीं कि इस मायाजाल को रचने में भ्रष्टाचार का महत्वपूर्ण योग है.شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-41239779329503824252010-01-23T17:05:43.738+05:302010-01-23T17:05:43.738+05:30धन्यवाद बहुत अच्छा लगा आलेख|धन्यवाद बहुत अच्छा लगा आलेख|मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-2885118473391967622010-01-23T16:37:24.847+05:302010-01-23T16:37:24.847+05:30कमेंट करने के लिए हुक्का बिजनौरी की दो लाइन लिख रह...कमेंट करने के लिए हुक्का बिजनौरी की दो लाइन लिख रहा हूँ-<br />"आप भी क्या बात करते हैं श्रीमान!<br />सरदारों के मुहल्ले में नाई की दुकान!!"डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-20458266703317788932010-01-23T12:58:59.816+05:302010-01-23T12:58:59.816+05:30मगर पूँजी4 पति ऐसा नहीं करेंगे वो तो बस अपनी सम्पत...मगर पूँजी4 पति ऐसा नहीं करेंगे वो तो बस अपनी सम्पति बढाने के चक्कर मे रहते हैं उन्हें गरीब जन्ता से कुछ लेना देना नहीं । गरीबी का एक कारन ये पूँजी पति ही हैं धन्यवाद बहुत अच्छा लगा आलेख्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2552035988740236034.post-84331794918380395992010-01-23T12:00:21.616+05:302010-01-23T12:00:21.616+05:30ग़रीब लोग और ग़रीब होते जा रहे है और धनी लोग धनी इ...ग़रीब लोग और ग़रीब होते जा रहे है और धनी लोग धनी इस बारे में सरकार तो कुछ सोच ही नही पा रही है तो यह ज़्यादा सार्थक होगा यदि कुछ सच्चे समाजसेवी,पूंजीपति आयेज आए और अपने ग़रीब भाइयों की भी देखभाल करें...बढ़िया प्रसंग संगीता जी..धन्यवादविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.com