दो वर्ष पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर हिन्दी ब्लॉग जगत की झांकी निकली थी , उसकी रिपोर्ट मैने बनायी थी ,जो आज आप नए पाठकों के लिए पुन: प्रेषित कर रही हूं ..........
इंडिया गेट न्यूज से अजय सेतियाजी की खबर है कि आज गणतंत्र दिवस के मौके पर अनुराधा श्रीवास्तवजी के सहयोग से ब्लागर भाई.बहनों के अंतर्मन के अस्तित्व को जीवनधारा देती एक झांकी राजपथ पर देखी गयी , सुनील दोईफोड़ेजी केशून्याकार का यह कारवां पोपुलर इंडिया के दिल की आवाज को दर्शाने में समर्थ था। शास्त्री जे सी फिलिपजी इस रथ के सारथी थे। इसकी सुरक्षा के लिए चारो ओर बारमर पुलिस की तैनाती थी। जहां इस रथ के आगे राव गुमान सिंघजी का ‘GOOD MORNING INDIA’ लिखा गया वहीं दूसरी ओर पीछे महाशक्तिजी का बैनर लगा था. ‘समय नष्ट करने का भ्रष्ट साधन‘ । दायीं ओर मीनाक्षीजी का ‘प्रेम ही सत्य है‘ तथा बायीं ओर ‘बिना लाग लपेट के जो कहा जाए ,वही सत्य है ‘ लिखकर सत्य को समझाने की कोशिश की गयी थी। डा महेश परिमलजी ने संवेदनाओं के पंख से इसे सजाया था। तुषार जोशीजी के शब्दचित्र इसपर खूब फब रहे। सिर्फ नीलिमाजी ही नहीं, सभी ब्लागर भाई.बहनों के आपस के लिंकित मन को दिखाते इस रथ को सजाए जाने का भार दर्शनजी की एकआवाज पर पिरामीड सायनीरा थियेटर लिमिटेड के द्वारा अंकित माथुरजी जैसे रंगकर्मी को दिया गया था। इस रथ में रवीश कुमारजी का कस्बा बनाकर उसमें रविन्द्र रंजनजी के साथ साथ सभी ब्लागर भाई.बहनों का आशियाना बनाया गया था,जिसमें चौखट लगाने में पवनचंदनजी ने सहयोग दिया था। विवेक रस्तोगीजी का कल्पतरू बिल्कुल मध्य में सजाया गया था जिसकी महक से वातावरण सुरभित हो रहा था। इसमें एक ओर अविनाश वाचस्पति जी की बगीची तथा दूसरी ओर सुभाष नीरवजी की वाटिका लगाकर इसको पर्यावरणीय दृष्टि से भी उत्तम बना दिया गया था। इसमें चारो ओर जगदीश भाटियाजी का आईना लगाया गया था , ताकि दीप्ति गरजोलाजी के साथ.साथ सभी अपना प्रतिबिम्ब देख सकें। आगे में ही अतुलजी का चौपाल और अविनाश वाचस्पतिजी का नुक्कड सजाया गया था , जिसमें छत्तीसगढ़ समाचार देते राजेश अग्रवालजी , झारखंड समाचार देते राजेश कुमारजी , मजेदार समाचार देते हुए खबरचीजी मौजूद थे । इस रथ में जहां एक ओर एक ओर एडमिन कवि सम्मेलन करा रहे थे तो दूसरी ओर पंकज.सुबीर संवाद सेवा और तकनीकी संवाद भी चल रही थी । पीछे चंद्रिकाजी ने दखल की दुनिया और पी डी ने अपनी छोटी सी दुनिया बनायी थी। एक ओर परमजीत बालीजी कठिन साधना में व्यस्त थे तो दूसरी ओर तपस्विनीजी भी। डा व्योमजी नें लोकसाहित्य का मंच सजाया था, जिसमें अन्य पुस्तकों के साथ भुवनेश शर्माजी का हिन्दी पन्ना शामिल किया गया था तो अशोक पांडेजी का कबाड़खाना भी सजाया गया था , जिसमें अन्य कबाड़ों के साथ दिलीप मंडलजी का रिजेक्ट माल भी लगाया गया था। शशिभूषणजी ने बिहारी , ईशानीजी ने ओडीसी , डी एन बरॅलाजी ने उत्तराखंड, प्रभाकर पांडेय ने भोजपुर नगरिया तथा अन्य लोगों ने भी अपने.अपने क्षेत्रों के मंचों का भार संभाला था। बेजीजी की कठपुतलियों का नाच गायत्रीजी की तरह भीड़ में भी तन्हा महसूस करने वालों के लिए भी मनोरंजक था। अजित वडनेकरजी के शब्दों के सफर और अरूंधतीजी की शब्दयात्रा के साथ ही साथ यह रथ आगे बढ़ता रहा। संजीव कुमार सिन्हाजी एक नागरिक के रूप में सबों को देश का हितचिंतक बनने का आह्वान करते रहें , राज भाटिया जी ने कहा यह कोई पराया देश नहीं ,सबका अपना है ।
(कोरी कल्पना पर आधारित , जिसमें पूरे तिरेपन ब्लागों के नाम हैं। जिनको शामिल करने से प्रवाह में कमी आ रही थी , वैसे बहुत से ब्लागर भाई.बहनों के नाम छूट गए थे, जिसके लिए खेद है , कृपया अन्यथा न लें। हिन्दी ब्लॉग जगत के सभी लेखकों और पाठकों को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !! )
14 comments:
बहुत ही बढि़या चित्रण.
संगीता जी
बहुत बढ़िया रथ सजाया आपने
हर वर्ष नयी झांकी निकालिए
बहुत ही अच्छी झांकी। धन्यवाद। पर दो वर्ष पूर्व मैं इसे नहीं पढ़ पाया था।
महेश
http://popularindia.blogspot.com/2010/01/blog-post_26.html
बहुत ही अच्छा आलेख
आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें ।
गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
नया वर्ष स्वागत करता है, पहन नया परिधान ।
सारे जग से न्यारा अपना, है गणतंत्र महान ॥
अच्छी झांकी.
अच्छी पोस्ट!
बहुत बढिया!
दो बरस पहले झांकियों के दर्शन किये थे परन्तु 26 जनवरी के बाद ही। इस बार 26 जनवरी को ही दर्शन हो गए परन्तु आपने इस बार नई झांकी क्यों नहीं निकाली ? चलिए अगली बार सही।
पर बेहद स्मरणीय स्मरण रहा। साधुवाद।
कैसे न लें अन्यथा??? आप ही बतायें..:)
गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
संगीता जी
गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!प्रणाम
मुझे घोर आपत्ति है आपने झाँखी बस देखी 'ब्रिगेड-की परेड ' नहीं देखि
परेड में पहला स्थान मिला है ब्रिगेड को इस का कानों देखा हाल छापिये जल्द ही
हा हा हा
कमाल की झांकी,
पसन्द आयी।
वाह संगीता जी कमाल का आईडिया और कमाल की झाँकी । धन्यवाद
waah waah..........bahut hi sundar jhanki thi aisa laga jaise sab kuch samne hi ghatit huaa hai......dhanyawaad.
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