Monday, 18 January 2010

जल्‍द अपने बच्‍चों को 'रंग बिरंगी' सब्‍जी खिलाएं .. अब मौसम समाप्‍त होने वाला है !!

हम सभी जानते हैं कि मनुष्‍य के जीवन में स्‍वास्‍थ्‍य का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है और इसे बनाए रखने के लिए भारत के हर प्रदेश की हमारी थाली सक्षम है। पर आजकल की व्‍यस्‍तता में जहां खाना बनाने में महिलाएं भी शार्टकट के प्रयास में होती हैं , वही बच्‍चे की रूचि भी रेडीमेड खानों में बढती जा रही है। हरी सब्जियां तो शायद ही आज के बच्‍चे पसंद से खाते हों। ऐसे में जरूरत होती है , बच्‍चों को बहाने से फायदेमंद खाना खिलाया जाए। कुछ दिन पहले मैने एक पोस्‍ट किया था जिसमें जेली के बहाने बच्‍चों को आंवला खिलाने के बारे में लिखा था और आंवले की जेली बनाने की विधि भी दी थी। आज बिना मसाले की एक रंग बिरंगी सूखी सब्‍जी बनाने की जानकारी दे रही हूं , जो बच्‍चों के लिए बहुत पौष्टिक है। खासकर जाडे के दिन में यह सब्‍जी इसलिए बनायी जा सकती है , क्‍यूंकि अभी बाजार में तरह तरह की सब्जियों मिल रही हैं। इसे बनाने के बाद तबतक  बार बार 'रंग बिरंगी सब्‍जी' की चर्चा करें, जबतक बच्‍चे उससे ललच नहीं जाएं , क्‍यूंकि बच्‍चे मन से कोमल होते हैं और उसपर उन घटनाओं का बहुत अधिक प्रभाव पडता है , जिन्‍हें बारंबार देखते या सुनते हैं।

आप बराबर मात्रा में आलू , प्‍याज , फूलगोभी , फ्रेंचबीन , गाजर , लाल चुकंदर , शिमला मिर्च , मटर के दाने और टमाटर या इसी प्रकार की सब्जियों को छीलकर इसके पतले पतले टुकडे करें । कडाही में तेल या रिफाइंड डालकर हरे मिर्च के बडे टुकडे डालें , ताकि बच्‍चों के लिए परोसने के पहले इसे हटाया जा सके , क्‍यूंकि एक दिन भी मिर्च लग गयी तो मनोवैज्ञानिक तौर पर इसका बुरा प्रभाव पडेगा। इसके अतिरिक्‍त कुछ दाने मेथीदाने के डाले। उसमें प्‍याज और गोभी डालकर तेज आंच पर थोडी देर चलाने के बाद मटर , टमाटर और शिमला मिर्च जैसे जल्‍द गलनेवाली सब्जियों को छोडकर बाकी सारे डालकर बिना मसाले के सिर्फ नमक और हल्‍दी डालकर इसे गलने छोड दें । जब ये गल जाए , तो बची सब्जियां डालकर ढंक ढंक कर तेज आंच पर इस तरह भूने की वे सिर्फ गलें , पर एक दूसरे से बिल्‍कुल मिक्‍स न हों। सभी सब्जियों के टुकडे अलग अलग दिखाई पडते रहें। मिर्च और मसाला न होने से तथा बनने के बाद सुंदर दिखने से इसे बच्‍चे खाना पसंद करते हैं और इसकी पौष्टिकता का तो आप अनुमान कर ही सकते हैं। तो जल्‍दी करें , रंग बिरंगी सब्जियों का मौसम समाप्‍त जो होने वाला है।




9 comments:

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

अलग अलग रंगों में अलग अलग सूक्ष्म उपयोगी तत्त्व होते हैं। बढ़िया जानकारी।
डाक्टर कहते हैं कि गरमी से वे नष्ट हो जाते हैं। जिस तरह से भारतीय सब्जी खाते हैं उससे केवल फाइबर का लाभ मिल पाता है।
इन सब्जियों को कच्चा या केवल भाप दे स्वादिष्ट कैसे बनाया जा सकता है?

डॉ. मनोज मिश्र said...

बढियां,उपयोगी जानकारी .

डॉ महेश सिन्हा said...

वाह आपकी रंग बिरंगी सब्जी

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया पौष्टिक रेसिपि..इसे हम बहुत बनाते हैं लेकिन इतना समय नहीं लगाते-६०% कच्ची ही रखते हैं बस कुचलने लायक पकाते हैं.

विवेक रस्तोगी said...

वाह हम भी यही करते हैं। बढ़िया जानकारी ।

रंजू भाटिया said...

यही बनाते हैं अक्सर सर्दियों में ..सही है यह सेहत के लिए

प्रज्ञा पाण्डेय said...

bahut sunder aur banana bhi aasan hai

siddheshwar singh said...

बहुत बढ़िया। जरूर !

Arvind Mishra said...

चित्र कहाँ हैं ?