Tuesday, 4 May 2010

क्‍या उनकी उमर थी हमें छोडकर जाने की .. पर अच्‍छे लोग तो यूं ही चले जाया करते हैं !!

दोपहर से कांप रहा है बदन .. न कुछ खाने की इच्‍छा है .. और न ही कुछ कर पाने की हिम्‍मत .. मन हल्‍का करने के लिए कभी भाई बहनों को फोन करती हूं .. और कभी दोस्‍तो को ..  फिर भी मन हल्‍का होने का नाम ही नहीं ले रहा .. इंटरनेट भी खोला  तो शब्‍द ही पढे नहीं जा रहे .. कीबोर्ड के शब्‍द भी उल्‍टे पुल्‍टे टाइप हो जा रहे हैं .. मन में तनाव हो तो इसे कई उपायों से दूर भी किया जा सकता है  .. पर मन पागल ही हो जाए तो कैसे ठीक किया जा सकता है ??

खबर ही तो पागल करने वाली सुन चुकी हूं .. कल रात 11 बजे रांची से बोकारो आते हुए इसी मुख्‍य सडक पर ही .. एक कार और ट्रक की भिडंत में मेरे पिताजी के काफी करीबी मित्र की बडी बहू और छोटा बेटा .. यानि घर के दो दो युवा एक साथ काल के गाल में समा गए .. लगभग 27 वर्ष की उम्र के छोटे बेटे का विवाह जून में होनेवाला था .. और मात्र 30 वर्ष की उम्र पार कर चुकी बहू के दो छोटे छोटे बच्‍चे थे ..  बच्‍चों का चेहरा बार बार मेरी आंखों के सामने आ रहा हैं .. और वे मुझसे अपना कसूर पूछ रहे हैं .. क्‍या जबाब दूं उन्‍हें ??

बोकारो में विकास हो रहा है .. कई प्‍लांट लग रहे हैं .. उसके लिए बडे बडे ट्रकों से सामान ढोए जा रहे हैं .. सुबह से रात्रि के 9 बजे तक ये ट्रक प्रतिबंधित किए गए हैं .. पर इसके बाद उन्‍हें सडक पर चलाने की छूट मिली हुई है .. इन ट्रकों की गति इतनी तेज है कि दूर से ही देखकर भय होता है .. इसी के कारण आज एक परिवार का जीवन ही समाप्‍त हो गया लगता है .. चाचाजी ,चाचीजी , उनके बडे पुत्र और उनके बच्‍चों को कहीं का नहीं छोडा इस ट्रक ने .. कैसे जी पाएंगे वे अपनी बची जिंदगी  ??

अब ईश्‍वर से प्रार्थना करने को बचा ही क्‍या है .. बस इस असीम दुख को सहने की उन्‍हें शक्ति दो .. अच्‍छे लोग तो यूं ही चले जाया करते हैं .. हमें यू ही दुख में छोडकर .. ईश्‍वर उनकी आत्‍मा को शांति दें .. बस यही प्रार्थना करती हूं .. क्‍या उनकी उमर थी हमें छोडकर जाने की  .. किस मुंह से श्रद्धांजलि दूं उनको ??

32 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

दुखद !

स्वप्न मञ्जूषा said...

ओह !!!
यह तो बहुत ही दुखद घटना हो गयी...
हृदयविदारक है यह....दो जवान मौत एक ही दिन एक ही घाट में .....असहनीय है....बच्चों का सोच कर ही दिल बैठ रहा है...माँ का नहीं होना वह भी पूरी उम्र क्या होता है यह देखा है मैंने अपने ही रिश्तेदारों के घर...बच्चो का बचपन ही ख़त्म हो जाता है..
संगीता जी यह बहुत बहुत दुःख की बात आपने बता दी...
मेरी प्रार्थना उस परिवार के लिए है ..ईश्वर उन्हें यह दुःख झेलने की शक्ति और शांति दे..
आप अपना ख्याल रखिये...

M VERMA said...

अनियमितता ही दुर्घटनाओ के कारण बनते है.
परिवार को दुख सहन करने की ताकत मिले

Unknown said...

बहुत ही दुखद जानकारी दी आपने। परम पिता परमात्मा मृतकों की आत्मा को शान्ति एवं परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे!

दिनेशराय द्विवेदी said...

अत्यन्त दुखद। सड़क दुर्घटनाएँ पिछली सदी का कैंसर थीं। इस सदी में भी चली आई हैं। मैं भुक्तभोगी हूँ मैं ने अपने पैंतीस वर्षीय भाई को ऐसी ही दुर्घटना में खोया था।

संजय कुमार चौरसिया said...

दिल को आहत करने बाली घटना

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत दुखद समाचार है.....लेकिन इंसान के बस मे क्या है.....सिवा दुख को सहने के। ईश्वर उनके परिवार वालो को दुख सहने की ताकत दे...

मनोज कुमार said...

अत्यंत ही दुखद!
ईश्‍वर आपके और उनके परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति दे।

Archana Chaoji said...

दो हफ़्ते पहले ही मेरी बचपन की सहेली की छॊटी बहन के इकलौते बेटे को ( पूना मे पढ रहा था इंजिनियरिंग तीसरे साल )ऐसे ही हादसे मे खो दिया हमने ...........ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ ...परिवार को दु:ख सहने की शक्ती दे ..........

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

दुखद घटना....बस यहीं आ कर इंसान बेबस हो जाता है.....ईश्वर उन लोगों की आत्मा को शांति प्रदान करे...और परिवार को ये दुःख सहने की क्षमता दे

शरद कोकास said...

यह दुखद समाचार पढ़कर दिल दहल गया । क्या कहूँ कुछ कहने की मन:स्थिति मे नही हूँ । इतनी कम उम्र मे किसी का जाना .. किसी के साथ ऐसा कभी न हो ।

Urmi said...

बहुत ही दुखद घटना है! मैं भगवान से प्रार्थना करती हूँ कि आपको एवं उनके परिवार के सभी लोगों को इस हालत को सँभालने की अपार शक्ति दे!

दिलीप said...

jaankar bada dukh hua...bhagwan unke parivar ko is se ubarne ki shakti de...

rashmi ravija said...

बहुत ही हृदयविदारक घटना है..ऐसे में ही विश्वास उठने लगता है,भगवान से ...बच्चों की बात सोचकर ही कलेजा मुहँ को आने लगता है...और उन माँ-बाप पे क्या बीतती होगी...आगे कुछ लिखना भी मुश्किल है

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

आपको एवं उनके परिवार के सभी लोगों को इस हालत को सँभालने की अपार शक्ति दे!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

अत्यन्त दुखद....घटना है!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...
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ब्लॉ.ललित शर्मा said...
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Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji said...

दुखदायी घटना.
आप अपना ख़याल रखें और उन्हें भी सांत्वना दें.
ईश्वर की इच्छा कौन समझ सका है !

फ़िरदौस ख़ान said...

बहुत ही दुखद घटना है...

Arvind Mishra said...

ओह बहुत दुखद -ईश्वर आप सभी को आत्मशक्ति दे

arun pandey said...

बहुत ही दु:खद
आखिर लोग इतनी लापरवाही से गाड़ी क्यूँ चलाते है ?
गाड़ी चलाने के लिए कम से कम इंटर की योग्यता
और व्यवहारिक ज्ञान की जाँच सुनिश्चित करनी चाहिए ,
ज्यादातर ड्राइवर कम पढ़े-लिखे और नशेबाज होते है
कुछ सख्त कानून अवश्य होने चाहिए .

निर्मला कपिला said...

दुखदाई घटना है । मगर भगवान के आगे किसका जोर चलता है
ईश्‍वर आपके और उनके परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति दे।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

इस असीम दुख को सहने की उन्‍हें शक्ति दो .. अच्‍छे लोग तो यूं ही चले जाया करते हैं .. हमें यू ही दुख में छोडकर .. ईश्‍वर उनकी आत्‍मा को शांति दें .. बस यही प्रार्थना करती हूं ..


बहुत ही हृदय-विदारक घटना!
ईश्वर के खेल भी निराले हैं!
ईश्‍वर उनकी आत्‍मा को शांति दें ..
बस यही प्रार्थना है!

mamta said...

बहुत ही दुखद घटना .भगवान आप सभी को दुःख सहने की शक्ति दे .

Amit Sharma said...

ईश्‍वर उनकी आत्‍मा को शांति दें

pallavi trivedi said...

bahut hi dukhad hua....

रंजू भाटिया said...

बहुत ही दुखद घटना है .....

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

दुखद समाचार। पर किसी के हाथ में क्या है?

daanish said...

ghatnaa bahut dukhad hai..
Bhagwaan peedit parivaar ko dukh sehne ki himmat deiN....

Vinashaay sharma said...

बहुत ही दुखद,असल में रफ डराविगं पर कोई नियन्त्रण है ही नहीं,विषेषकर इन ट्रक वालों पर,और यह ट्रक बाले ही अधिकतर जान ले लेते हैं ।

दिव्य नर्मदा divya narmada said...

आपकी संवेदना की भावना भाई / किन्तु दिल दहला हुआ है वाकया पढ़कर / किससे पूछूँ क्यों विधाता भेजता नीचे / हादसों में जाने वाली ज़िन्दगी गढ़कर..
शोक संतप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना.