Tuesday 8 June 2010

मिलिए आज की मॉडर्न राधा से !!

दिल्‍ली यात्रा के दौरान सबसे अधिक मौका भतीजे भतीजियों के साथ रहने का मिला। ये है साढे चार वर्षीय यूरी सेठी , तीन वर्ष की उम्र तक खाना ही नहीं जानती थी , सिर्फ दूध पीकर या दूध में कोई खाद्य पदार्थ पीसकर गटकती रही। आजकल किसी तरह एक घंटे में एक छोटी रोटी खा लेती है , बाकी खाना अभी भी गटकना ही पडता है।  प्‍ले स्‍कूल में पढ रही है , पर कविताएं रटने में बिल्‍कुल तेज , पुस्‍तक के पृष्‍ठों को उलट उलटकर उसके चित्र देखकर इस प्रकार कविता बोलती जाएगी , कि आपको इसके द्वारा पढे जाने का भ्रम हो जाएगा  ....
उस वक्‍त अपने प्‍ले स्‍कूल 'नटखट' में होनेवाले समर कैम्‍प में शामिल , पेपर से प्रतिदिन कुछ न कुछ बनाकर लाती ...

उसके स्‍कूल में जन्‍माष्‍टमी के दिन सभी लडके कृष्‍ण और लडकियां राधा के गेट अप में आते हैं , पिछले दोनो ही वर्ष उसने सर्वश्रेष्‍ठ राधा का पुरस्‍कार पाया है , उसके दोनो वर्ष के राधा के चित्र देखिए ,ये है पहले वर्ष में .....
और ये है दूसरे वर्ष में .......
 कितनी जल्‍दी जल्‍दी बडी हो रही है हमारी राधा !!