प्रकृति के अधिकांश नियम निश्चित ही होते हैं , हां यदा कदा कुछ अपवाद अवश्य उपस्थित होते रहते है। ऐसा नहीं है कि अपवाद यूं ही उपस्थित हो जाते हैं , दरअसल अपवादों का भी एक अलग नियम होता है। जब हम कई बार लगातार एक तरह की घटना के कार्य करण संबंध को देखते हुए कोई नियम बनाते हैं , तो उस समय तक हमें अपवाद की जानकारी नहीं होती है , पर जब जब नियमों को काम करते नहीं देखते हैं , विश्लेषण करने पर हमें वो अपवाद दिखाई पडते हैं। सैकडों हजारो प्रयोंगो में से एक दो बार वैसे अपवाद दिखाई पडते हैं , पर उसे इग्नोर करते हुए अधिकांश जगहों पर हम नियम के अनुसार ही काम करते हैं।
‘मेहनत करने से सफलता मिलती ही है , जो जैसा करेगा वो वैसा ही भरेगा’ इस यथार्थ भरे वाक्य में भी हमें बहुत अपवाद देखने को मिलते हैं। हमारे नजर के सामने हर सुख सुविधा से संपन्न आलसी और कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे पुरूषार्थी देखने को मिलेंगे। कोई भी मनुष्य पूर्ण नहीं हो सकता है , कर्तब्य पथ पर चलते हुए कोई न कोई गल्ती कर ही बैठता है , पर प्रकृति से मिलने वाले सहयोग के कारण उस गल्ती का कोई दुष्परिणाम सफल लोगों के जीवन में देखने को नहीं मिलता। इसलिए जीवन में अनायास सफलता प्राप्त करनेवाले व्यक्ति भले ही सफल लोगों की श्रेणी में आ जाते हों , पर वास्तव में वे अनुभवी नहीं होते। असफल होते हुए भी अनुभवी तो वे होते हैं , जिनकी छोटी छोटी चूक से बडा बडा नुकसान होता आया है। इसलिए वे हर काम में हुए अपनी या व्यवस्था की खामियों को उजागर कर सकते हैं , उससे बचने के लिए पहले ही तैयार रहने के लिए लोगों को सलाह दे सकते हैं।
इतने लंबे जीवन में कहीं भी कोई मोड आ सकता है , जिससे आगे बढने पर या तो फूलों से भरी या कांटों से भरी सडक हमारा इंतजार कर रही होती है । सभी स्वीकार करते हैं कि सुख भरे दिन में कुछ सीखने का मौका नहीं मिलता। लेकिन जब भी हम कठिनाइयों के दौर से गुजरते हैं , दिन ब दिन कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। बडों की बाते छोड दें , विपत्ति झेल रहे लोगों के बच्चे बालपन में ही समझदारी भरी बात किया करते हैं। इस तरह उबड खाबड रास्तों पर चलकर , विपत्ति को झेलकर देर से ही सही , पुरूषार्थी को मंजिल मिलती है। इसलिए जरूरत है असफल पुरूषार्थियों से कुछ सीख लेने की , न कि अनायास सफलता पानेवालों से , क्यूंकि मेरा मानना है कि अपने निर्णयों के सही होने से वे सफलता के झंडे तो गाड सकते हैं , पर जीवन में किसी प्रकार की अनहोनी नहीं आने से वे अनुभवी नहीं बन सकते , इसलिए दूसरों को सलाह देने में असफल व्यक्ति ही अधिक सक्षम होते हैं।
21 comments:
आपका शीर्षक ही आज बहुत कुछ कह गया । एक अनुकरणीय और प्रोत्साहित करने वाली पोस्ट
अपने निर्णयों के सही होने से वे सफलता के झंडे तो गाड सकते हैं , पर जीवन में किसी प्रकार की अनहोनी नहीं आने से वे अनुभवी नहीं बन सकते , इसलिए दूसरों को सलाह देने में असफल व्यक्ति ही अधिक सक्षम होते हैं
aapse sahmat
apke vicharo se sahamat hun ...abhaar
आपसे सहमत।
सफलता की सभी कथायें बडी-बडी असफलताओं की कहानी हैं ।
असफलता ही सफलता के द्वार खोलती है!
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आपके कथन से सहमत हूँ!
आज हम एक ऐसी पहल कर रहे हैं जिसमें आपका साथ किसी बच्चे का भविष्य बना सकता है।
प्रीती जिसने अभी-अभी कक्षा दस उत्तीर्ण की है के पिता एक सिक्योरिटी गार्ड हैं जिनकी मासिक आय 4500 (4 हजार 500 रूपये) लेकिन प्रीति विज्ञान की पढ़ाई करना चाहती है। जिस स्कूल से उसने 10वीं की है उस विद्यालय में विज्ञान नहीं है और जिस स्कूल में वह सरकार के नियमों के आधार पर प्रवेश पा सकती है वो इसे एडमिशन नहीं दे रहे है। विद्यालय का तर्क है कि हमारे पास बच्चे पूरे हो गये है। हम पहले अपने स्कूल के बच्चों को एडमिशन देंगे। दूसरे विद्यालय के बच्चों को प्रवेश देने से हमें एक और सेक्शन बनाना पड़ेगा। प्रश्न उठता है क्या प्रीति को एच्छिक शिक्षा का अधिकार है या नहीं। या इसे मजबूर होकर दूसरा विषय चुनना पड़ेगा।
10th Roll No : 6382468 (CBSE)
10वीं वाला विद्यालय : GGSS School Q Block Mangol Puri, New Delhi
प्रवेश चाहिए : SKV Kamdhenu, D Block Mangol Puri, New Delhi
आप सबसे आग्रह है कि प्रीति का एडमिशन कैसे हो सकता है इसका उपाय बताये।
कन्हैया
9958806745
...प्रसंशनीय अभिव्यक्ति!!!
क्योंकि उनके पास असफलता का अनुभव होता है।
बहुत अच्छी पोस्ट।
बहुत अच्छी और सार्थक पोस्ट...
बहुत ही अच्छी और सुलझी हुई पोस्ट जो हकीकत को सौ प्रतिशत बयान करती हैं . जैसे
" ‘मेहनत करने से सफलता मिलती ही है , जो जैसा करेगा वो वैसा ही भरेगा’ इस यथार्थ भरे वाक्य में भी हमें बहुत अपवाद देखने को मिलते हैं। हमारे नजर के सामने हर सुख सुविधा से संपन्न आलसी और कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे पुरूषार्थी देखने को मिलेंगे "
सच में यही कडवी सच्चाई हैं , जो दुःख झेल लेता हैं वो कम उम्र में अधिक अनुभव का स्वामी बन जाता हैं . और जब दुःख आता हैं तो भगवान् भी ठीक ठीक से समझ नहींआता
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!! श्री हरि : !!
बापूजी की कृपा आप पर सदा बनी रहे
Email:virender.zte@gmail.com
Blog:saralkumar.blogspot.com
दूसरों को सलाह देने में असफल व्यक्ति ही अधिक सक्षम होते हैं...
मैं भी मानती हूँ यह ...
बहुत सारे अच्छे और योग्य शिक्षक अपने अध्ययन काल में इतने प्रतिभाशाली नहीं रहे हैं ..!!
ापने सही कहा क्यों कि असफलता ही विजय की जननी है। निश्चित ही असफल व्यक्ति के पास जीवन के अधिक अनुभव होंगे। सार्थक और प्रेरक पोस्ट। धन्यवाद
बहुत बढ़िया लिखा है आपने सही कहा .बहुत पसंद आई इस वक़्त यह पोस्ट शुक्रिया
आपकी बात से सहमत हूँ,असफल व्यक्ति अधिक,अनुभवी होतें हैं,इसी सन्दर्भ में मेने एक पोस्ट लिखी थी,जिसका आशय था कि असफल व्यकत्तियों को सफल बनाने की शिक्क्षा क्यों नहीं मिलती उस पोस्ट पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं मिली थी,टिप्पणी मिलती है तो अच्छा लगता है,और में यह देखता ही नहीं कि कितने लोगों ने पड़ी,मेरे को टिप्पणी नहीं मिलती तो कोई दुख भी नहीं होता,क्योकि में तो स्वान्त: सुखाय के लिये लिखता हूँ,बस इस लेख के सन्दर्भ में कह रहा हूँ ।
बहुत अच्छी लगी जी यह पोस्ट
प्रणाम
बिलकुल सही सोच...असफलताएं भी इंसान को कुछ ना कुछ सिखाती हैं
बिलकुल सही सोच...असफलताएं भी इंसान को कुछ ना कुछ सिखाती हैं
आपके इस पोस्ट से एक बात और साबित होती है और जो कटु सत्य है की ज्यादातर धनवान व्यक्ति मूर्ख होते हैं ,ज्ञानी धनवान हो ही नहीं सकता क्योकि ज्ञानी इन्सानियत का सौदा किसी कीमत पर नहीं कर सकता है और बिना इन्सानियत के सौदे के धनवान नहीं बना जा सकता ||
सही बात है, उनके पास असफल होने का पर्याप्त अनुभव होता है (जिस किसी को भी असफल होने की इच्छा हो, उनसे मशविरा कर सकता है)
:)
सही बात है. उनके पास पर्याप्त अनुभव होता है और वे जीवन में सफल भले न हुए हों पर उनके अच्छा मनुष्य बनने की सम्भावनायें मैं अधिक देखता हूँ.
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