बच्चों के लिए मां का क्या महत्व है , यह उन बच्चों से पूछिए जिनकी माता नहीं और वे दूसरे बच्चों के सुख देखकर आहें भरते हैं। वैसे समय इतना गतिशील है कि किसी के होने न होने का इसपर कोई प्रभाव नहीं पडता। पिछले वर्ष 3 मई को हुई एक दुर्घटना ने एक परिवार का सब सुख तो लील लिया था , साथ ही छीन लिया था दो बच्चों से उनकी प्यारी मां को। समय के साथ हर घाव भरते हैं , भरने की कोशिश की जाती है , ताकि जो बचा है , उसके संभाला जा सके । इसी क्रम में अपने माता पिता की देखभाल और दो बच्चों की परवरिश के लिए घर का एकमात्र पुत्र को पुनर्विवाह के लिए तैयार होना पडा।
8 जून 2011 को बोकारो के राम मंदिर में जमशेदपुर की एक कन्या के साथ विवाह बंधन में बंधकर श्री अमित रंजन श्रीवास्तव ने एक नए जीवन की शुरूआत की । मित्रों और रिश्तेदारों के मध्य वधू का स्वागत होटल रिलायंस में किया गया। पूरे परिवार को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। अपनी नई मम्मी को देखकर दोनो बच्चे काफी खुश थे , बेटा घूमघूमकर कैमरे से फोटो लेने में व्यस्त था , तो बेटी नई मम्मी के साथ अपने अनुभव साझा कर रही थी। मैने बहू से नाम पूछा तो बेटे ने ही जबाब दिया 'स्वीटी' । ईश्वर से प्रार्थना है , 'स्वीटी' दोनो बच्चों के लिए स्वीट बनी रहे !!
8 जून 2011 को बोकारो के राम मंदिर में जमशेदपुर की एक कन्या के साथ विवाह बंधन में बंधकर श्री अमित रंजन श्रीवास्तव ने एक नए जीवन की शुरूआत की । मित्रों और रिश्तेदारों के मध्य वधू का स्वागत होटल रिलायंस में किया गया। पूरे परिवार को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। अपनी नई मम्मी को देखकर दोनो बच्चे काफी खुश थे , बेटा घूमघूमकर कैमरे से फोटो लेने में व्यस्त था , तो बेटी नई मम्मी के साथ अपने अनुभव साझा कर रही थी। मैने बहू से नाम पूछा तो बेटे ने ही जबाब दिया 'स्वीटी' । ईश्वर से प्रार्थना है , 'स्वीटी' दोनो बच्चों के लिए स्वीट बनी रहे !!
5 comments:
हमारी भी यही शुभकामना है ...
वर-वधु और दोनों बच्चों को असीम शुभकामनाएं ...उनका आगामी जीवन , खुशियों भरा हो
हार्दिक शुभकामनायें..ये खुशियाँ ऐसे ही बरकरार रहें..
हार्दिक शुभकामनायें......
मैं भी ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ।
शुभकामनाएं
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