Baba ki kahani
धर्म और ज्योतिष को यूं बदनाम न करो बाबा
दुनिया भर के खासकर भारत में गली गली , मुहल्ले मुहल्ले विचरण करने वाले बाबाओं , तुम अपने शहर में न जाने कितने अपराध करते हो , पर काफी दिनों तक पुलिस की लापरवाही या उनसे मिलीभगत से तुम पकडे नहीं जाते , इस उत्साह से बडी बडी गलतियां करने लगते हो , फिर जब तुमपर शिकंजे कसे जाने लगते हैं , तो शहर से भागना और पुलिस से बचना ही तुम्हारा एक लक्ष्य हो जाता है , बचने का सबसे बडा रास्ता तुम्हें बाबाजी बनने में दिखाई देता है , बडी मूंछ और दाढी के कारण लोगों के लिए तुम्हारे चेहरे को पहचानना काफी मुश्किल हो जाता है , बाबा का रूप धारण कर लेने से जनता की आस्था का भी तुम नाजायज फायदा उठा लेते हो , यदि किसी की आस्था तुमपर नहीं बन रही होती , तो डराना और धमकाना तो तुम्हारा स्वभाव है, इसलिए इस राह में चलकर आराम से अपनी महत्वाकांक्षा के अनुरूप पैसे का इंतजाम तो तुम कर लेते हो !
बाबा बनने के बाद तो तुम्हारा जीवन और रंगीन बन जाता है , श्मशान सिद्ध कर चुके हो तुम , यह कहकर भक्तों के सम्मुख भी शराब पीने से तुम कोई परहेज नहीं करते , कमाख्या मंदिर में सिद्धि प्राप्त कर चुके हो , इसलिए मांस से भी कोई परहेज की आवश्यकता नहीं , महिलाओं को मां मानते हो , इसलिए उनसे घिरे होने में भी तुम्हें दिक्कत नहीं , कन्याओं से सेवा करवाकर तुम उनकी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद दे देते हो , हत्या और लूटपाट के पाप के साथ तुम लोगों के कल्याण का दावा कर लेते हो , महात्मा होने के बावजूद भविष्यवाणी करने का रिस्क नहीं लेते , उपाय की पूरी व्यवस्था कर देते हो , एक शहर में तुम्हें रहना नहीं , इसलिए साख बनाए रखने की कोई चिंता नहीं , लोगों से पैसों की बरसात करवा लेते हो तुम , इस तरह अपराधी के नाम से भी जो सुख सुविधा नहीं मिलती , वो बाबा बनकर तुम्हें मिल जाती है !
तुमसे नाम पूछा जाता है तो अपने को हिंदुस्तानी बताते हो , गांव , जिला या प्रदेश पूछा जाता है तो हिंदुस्तान कहते हो , मानो हम सब देशद्रोही हैं और तुम सच्चे देशभक्त , महान आत्माओं के जन्म से लेकर मृत्यु तक की हर घटना इतिहास में दर्ज होती है , अपना नाम , अपना गांव , अपना प्रदेश क्यूं छिपाते हो , वहीं से तो स्पष्ट हो जाता है कि तुम अपने जीवन का कोई भाग छुपा रहे हो , तुम इतिहास की किताबों में अपना नाम क्यूं नहीं दर्ज करवाना चाहते , अपने भयानक सच को सामने न लाकर अपने बाबा के स्वरूप को सामने रखकर तुम जनता के आस्था के साथ खिलवाड करते हो , उनके मनोवैज्ञानिक कमजोरी का नाजायज फायदा उठाते हो , अपने स्वार्थ में अंधे होकर कुछ भी करो तुम , पर धर्म और ज्योतिष को यूं बदनाम न करो बाबा , मेरी प्रार्थना है तुमसे !
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