छह वर्ष पूर्व की मेरी पुरानी डायरी में ये चंद पंक्तियां मिली , जो अपनी बिना किसी गल्ती के , दूसरों के षडयंत्र के कारण अपने जीवन में चार महीनें तक उपस्थित हुए बुरी परिस्थिति से घिरी शायद खुद को संतोष देते हुए लिखी थी , आप भी पढें ..........
- किसी निर्दोष की एक बूंद आंसू का भी समय आने पर बडा फल चुकाना पडता है , यदि वह फूटफूटकर रो दे , तो आप अपनी पूरी जिंदगी ही तबाह समझो।
- यदि लक्ष्य अच्छा हो तो उसे प्राप्त करने हेतु खडे लोगों में प्रतिस्पर्धा होती हैं , पर लक्ष्य बुरा हो तो उसे प्राप्त करने हेतु खडे लोगों में कुछ दिनों तक अचानक बडी मित्रता देखने को मिलेगी।
- झूठ बोलना तो पाप है , पर किसी को सुख पहुंचाने के लिए बोले गए पाप में पुण्य भी शामिल होता है , किसी को कष्ट पहुंचाने के लिए बोला गया झूठ तो पाप को दुगुणा कर देता है , जिससे मुक्ति पाना शायद किसी के लिए संभव नहीं।
- यदि आप दुश्मनी के चश्में को पहने हों, तो दुश्मन का दुश्मन आपको बहुत बडा मित्र दिखाई देता है , पर यदि आप इस चश्में को उतार दो तो ऐसा महसूस हो सकता है कि वह मित्र बनने के लायक भी नहीं ।
- यदि कोई व्यक्ति आपको दूसरों की कमजोरी सुना रहा हो , तो आप समझ जाएं कि वह आपकी कमजोरी भी दूसरों को सुनाएगा। इसके विपरीत यदि वह दूसरों की कमजोरी को आपके सामने ढंक रहा हो , तो समझ लें कि वह दूसरों के समक्ष आपकी कमियों को भी उजागर नहीं करेगा।
- आप बडे बुजुर्गों से ढंग से बात भी न कर सकें , तो आपके समान कुसंस्कारी कोई नहीं , आप अपने धन , पद या डिग्री की शान न बधारें , ये औरों के लिए किसी काम का नहीं होता।
- अधिकांश समय यह अवश्य होता है कि जिसका साथ समाज दे रहा हो ,वो सही है , पर कभी कभी ये भी होता है कि जिसका साथ समाज नहीं दे रहा हो , वो सही है , क्यूंकि अंधेरे को छंटने में थोडी देर हो जाती है।
23 comments:
बहुत अच्छी लगीं बातें..... कई बातें अनदर तक उतर गयीं....और आँखें भी खुल गयीं...... बहुत अच्छी लगी यह रचना.....
आभार....
दैनिक जीवन में उपयोग में लेने वाली उपयोगी सलाहें। मैं ध्यान रखने की कोशिश करूंगा।
आभार इनके लिए...
बहुत आभार इन सदविचारों के लिए.
nice
bahut bahut ucch vichaar...
prerna ke srot !
शुभ बातें । सुन्दर विचार । आभार ।
पुरानी डायरी से अनमोल रतन निकले हैं... कुछ और खंगालिए ...कुछ और लिखिए..
अनुगमनीय बातें!
इस शिक्षाप्रद पोस्ट के लिये आपका हार्दिक धन्यवाद
जिन्दगी में बहुत काम आयेंगी आपकी ये बातें, अन्तर्तम तक उतार ली हैं जी
प्रणाम
bahut hi achhi achhi baatein keh di aaj.sach bhagte jeeven mein kabhi kabhi aise sunder vichar padhne chahiye aur amal karne bhi chahiye.atleast koshish tho ki hi jaa sakti hai.bahut achha laga padhke.
आपकी 14-15 दिसम्बर 2009 को मौसम के बारे में की गई भविष्यवाणी सही साबित हो गई है जी
रात को 12 बजे जैसे ही बारिश शुरू हुई मुझे केवल आपकी पोस्ट की याद आयी
प्रणाम
bahut hi anmol vichar saheje huye hain...........shukriya padhwane ka.
बहुत सुन्दर विचारनीय बातें हैं धन्यवाद
संगीता जी,
आपकी ये सारी बातें घर में फ्रेम करा के स्टडी रूम में टांगनी चाहिए...जीवन का सार छिपा है इनमें...
जय हिंद...
बहुत ही अच्छी बाते जीवन के करीब हैं यह इसको संजो के रख लिया है शुक्रिया ..१४ को बारिश आ गयी :)
chhatha bindu bahut hee jada prabhavi laga... apnane ka prayas karoonga
विचार बहुत अच्छे लगे.
uttam vichaar.abhaar.
Aabhar, mujhe to lagata hai ki aaj ke pariveshth me choti kaksha se hi syllabus me moral science ki seekh me in sab baato ko include karna chahiye taaki acche insan/nagrik ban sake.
ek baar fir aapko aabhar aur abhinandan in सदविचारों के लिए.
आभार इनके लिए.
आपके अनुभव और उससे उत्पन्न ये सद्विचार जीवन में गाँठ बाँधने योग्य है.
ऐसे ही पोस्टों पर पसंद के चटके लगने चाहिये.
aapki in anmol baaton ko jivan me jaroor utarungi aapka bhut bahut dhanyavaad
विचार बहुत अच्छे लगे.
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