Wednesday, 13 May 2020

सनातन धर्म का पालन करना चाहिए

Sanatan Dharma in Hindi

सनातन धर्म का पालन करना चाहिए 

पता नही क्‍यूं , अंधविश्‍वासी स्‍वभाव नहीं होने के बावजूद प्राचीन परंपराएं मुझे बुरी नहीं लगती , धर्म मुझे बुरा नहीं लगता । क्‍यूंकि मैं मानती हूं कि विदेशी आक्रमणों के दौरान हमारी सभ्‍यता और संस्‍कृति का जितना विनाश हुआ , उससे कहीं कम इस स्‍वतंत्र भारत में धर्म के क्षेत्र में घुसकर कमाने खाने वाले चोर डाकुओं ने नहीं किया। इस कारण धर्म का जो भी रूप हमारे सामने है , हम जैसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखनेवालों को पच ही नहीं सकता। 

पर धर्म तो धारण करने योग्‍य व्‍यवहार होता है , उससे हम कब तक दूर रह सकते हैं , आज हमें धर्म के पालन के लिए नए नियम बनाने की आवश्‍यकता है। आज हर क्षेत्र में झूठ और अन्‍याय का बोलबाला है , क्‍या हम हर क्षेत्र को ही समाप्‍त कर सकते हैं ? सबमें सुधार की आवश्‍यकता है , पर बस हम सिर्फ दोषारोपण करते रहें , तो बात सुधरनेवाली नहीं। यही कारण है कि जब भी मैं धर्म विरोधियों के आलेख देखती हूं , मैं उसमें कमेंट दिए बिना नहीं रह पाती , दो दिन पूर्व भी धर्म और ईश्‍वर के विरोध में लिखे गए एक आलेख में मैने ये कमेंट कर दिया है .............

sanatan dharm ke niyam
(सनातन धर्म के बारे में )

ईश्‍वर को किसी ने देखा नहीं .. इसलिए इसे मानने की जबरदस्‍ती किसी पर नहीं की जा सकती .. पर हजारो हजार वर्षों से बिना संविधान के .. बिना सरकार के यदि यह समाज व्‍यवस्थित ढंग से चल रहा है .. तो वह धर्म के सहारे से ही .. यदि भाग्‍य, भगवान और स्‍वर्ग नरक का भय या लालच न होता .. तो समर्थों के द्वारा असमर्थों को कब का समाप्‍त कर दिया जाता .. शरीर और दिल दोनो से कमजोर नारियों की रक्षा अभी तक धर्म के कारण ही हो सकी है .. बुद्धि , बल और व्‍यवसायिक योग्‍यता में से कुछ भी न रखनेवालों को भी रोजगार के उपाय निकालकर उनके रोजी रोटी की व्‍यवस्‍था भी धर्म के द्वारा ही की गयी थी .. गृहस्‍थों को इतने कर्मकांडों में उलझाया जाता रहा कि दीन हीनों को कभी रोजगार की कमी न हो . 

How old is Sanatan Dharma

(sanatan dharm kitna purana hai)

मनुष्य की अंतरात्मा से सम्बन्ध है इसका, इसलिए तो सनातन धर्म की उम्र नहीं बताई जा सकती। दूनिया के हर धर्म में समय समय पर साफ सफाई की आवश्‍यकता रहती थी .. पर इसका परिशोधन न कर हम अपनी परंपराओं को , अपने धर्म को गलत मानते रहे .. तो आनेवाले युग में भयंकर मार काट मचेगी .. आज ही पैसे कमाने के लिए कोई भी रास्‍ता अख्तियार करना हमें गलत नहीं लगता .. क्‍यूंकि किसी को भगवान का भय नहीं रह गया है .. जो बहुत बडे वैज्ञानिक हैं .. क्‍या उनके वश में सबकुछ है .. वे भगवान को माने न माने पकृति के नियमों को मानना ही होगा .. और मैं दावे से कहती हूं कि इस प्रकृति में कुछ भी संयोग या दुर्योग नहीं होता है .. हमारे एक एक काम का लेखा जोखा है प्रकृति के पास .. और जब हर व्‍यक्ति इस बात को समझ जाएंगे .. ये दुनिया स्‍वर्ग हो जाएगी .. मेरा दावा है !!